इसराइल ने भरा है दम! हिज़बुल्लाह का खेल खत्म?
- देश दुनिया
- September 28, 2024
अशोक वाजपेयी : हिन्दी अंचल की बढ़ती धर्मांधता, सांप्रदायिकता और हिंसा की मानसिकता आदि का एक कारण इस अंचल की मातृभाषा और कलाओं से ख़ुद को वंचित रहने की वृत्ति है. स्वयं को कला से दूर कर हम असभ्य राजनीति, असभ्य माहौल और असभ्य सार्वजनिक जीवन में रहने को अभिशप्त हैं. ‘हंस’ पत्रिका ने अपने
READ MOREप्रभाकर मणि तिवारी : भारतीय सेना में सेवा दे चुके दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की लिखी एक किताब “द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन एंड रियलिटी” पर हाल के महीनों में उठे विवाद के चलते मणिपुर सरकार ने बैन लगा दिया है. सरकार का कहना है कि इस पुस्तक की विषयवस्तु बेहद संवेदनशील है,
READ MOREअशोक वाजपेयी : दिल्ली की गलियां छोड़कर दकन के बुलावे पर वहां न जाने वाले उर्दू के शायर शेख इब्राहीम ज़ौक का एक चयन रेख़्ता क्लासिक्स के अन्तर्गत फ़रहत एहसास के संपादन में आया है. उसे उलट रहा था कि ध्यान इन दो शेरों पर अटक गया- अगर ये जानते चुन चुन के हमको तोड़ेंगे
READ MOREतीन दशक तक हिंदी पत्रकारिता, साहित्य-सृजन के साथ ही श्रमिक आंदोलनों में भी समान रूप से सक्रिय रहे जयप्रकाश त्रिपाठी के कविता-संग्रह ‘ईश्वर तुम नहीं हो’, ‘तुक-बेतुक’, ‘जग के सब दुखियारे रस्ते मेरे हैं’ एवं पत्रकारिता पर ‘मीडिया हूं मैं’ (‘बाबू विष्णुराव पराड़कर पुरस्कार’ से सम्मानित) और ‘क्लास रिपोर्टर’ के बाद, हाल ही में पांच
READ MOREहिमाचल प्रदेश की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘लिटरेचर विद नेचर’, उत्तराखंड की मासिक साहित्यिकी ‘कविकुंभ’ एवं बीइंग वुमन, शिमला की प्रसिद्ध स्थाओं ‘कीकली चेरिटेबल ट्रस्ट’, ‘शिमला वॉक्स’ एवं ‘पोएटिक आत्मा’ के साझा संयोजन में बीते कुछ महीनों से अनवरत हो रहीं विविधतापूर्ण प्रस्तुतियों ने राज्य के रचनाधर्मियों, बौद्धिक तबकों का ध्यान अपनी ओर जितनी शिद्दत के साथ
READ MOREवस्तुओं के उपभोग में वृद्धि और नागरिक अधिकारों का क्षय, पत्रकारिता का मासमीडिया में रूपान्तरण, सार्वजनिक वातावरण के प्रति सम्मानभाव, निजता की उपेक्षा, राजनीतिक दलों में नौकरशाहाना रवैये का विकास, साहित्य में सैलेबरेटी भाव, पूजाभाव, समाज और साहित्य से आलोचना का अलगाव, साहित्य और पाठक के बीच महा-अंतराल कल्याणकारी राज्य की सौगात है। कल्याणकारी राज्य
READ MOREमुझे पता नहीं कितने लोगों से मिला मगर मिला सबसे। यह मुलाक़ात तो नहीं कही जाएगी लेकिन चंद लम्हों में थे दूसरे से गले लगकर पता चल रहा है कि कोई है जो साथ चल रहा है। जो प्राइम टाइम का इंतज़ार करता है। कोई ऐसा भी है जिसने हर एपिसोड देखा है। इन सभी
READ MOREइंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र दिल्ली द्वारा प्रकाशित कुमाऊं की अनूठी रामलीला पर आधारित पुस्तक ओपेरामा कुमाऊंनी रामलीला का लोकार्पण गत दिवस कला केंद्र के समवेत सभागार में किया गया। इंडियन ओशन बैंड से जुड़े रहे प्रसिद्ध गायक हिमांशु जोशी द्वारा संकलित और लिखित इस पुस्तक का लोकार्पण प्रसिद्ध लेखक और अध्यापक प्रो. पुष्पेश पंत,
READ MOREऔरंगज़ेब का किरदार बहुत ही विवादास्पद रहा है. उनको हिंदुओं से नफ़रत करने वाले कट्टर इस्लामी शासक के रूप में देखा और दिखाया जाता है, लेकिन औरंगज़ेब इतिहास के काफ़ी जटिल पात्र हैं, जिनकी कहानी में कई ऐसी बातें हैं, जो लोगों को चौंकाती हैं. औरंगज़ेब के भाई दारा शिकोह एक उदारवादी शहज़ादे के रूप
READ MOREअरविंद दास : चर्चित कवि आलोक धन्वा ने लिखा है- ‘मीर पर बातें करो तो वे बातें भी उतनी ही अच्छी लगती हैं जितने मीर.’ हाल ही में प्रकाशित विनीत गिल की किताब ‘हियर एंड हियरआफ्टर: निर्मल वर्माज लाइफ इन लिटरेचर’ पढ़ते हुए ये पंक्तियां याद आती रहीं. यह किताब हिंदी के अनूठे लेखक निर्मल
READ MOREशुभनीत कौशिक : भोजपुरी लोक महाकाव्य लोरिकी और मध्ययुगीन प्रेमाख्यानों के अप्रतिम अध्येता श्याम मनोहर पाण्डेय का 14 अक्टूबर, 2022 को लंदन में निधन हो गया. बलिया के गोठहुली गांव में वर्ष 1936 में जन्मे श्याम मनोहर पाण्डेय की शुरुआती शिक्षा बलिया में ही हुई. वर्ष 1954 में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और उसके
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