धर्मशाला में तिब्बत के युवकों ने चीन का राष्ट्रीय ध्वज जलाकर चीन सरकार के अत्याचारों के खिलाफ आक्रोश जताया। युवाओं ने तिब्बत की आजादी के लिए आवाज बुलंद की। सैकड़ों युवाओं ने धर्मशाला के कचहरी चौक पर खड़े होकर चीन के खिलाफ नारेबाजी की। तिब्बती युवा कांग्रेस के करीब 200 कार्यकर्ताओं ने रविवार को कम्युनिस्ट
धर्मशाला में तिब्बत के युवकों ने चीन का राष्ट्रीय ध्वज जलाकर चीन सरकार के अत्याचारों के खिलाफ आक्रोश जताया। युवाओं ने तिब्बत की आजादी के लिए आवाज बुलंद की। सैकड़ों युवाओं ने धर्मशाला के कचहरी चौक पर खड़े होकर चीन के खिलाफ नारेबाजी की। तिब्बती युवा कांग्रेस के करीब 200 कार्यकर्ताओं ने रविवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की 20वीं नेशनल कांग्रेस के विरोध में प्रदर्शन किया।
इस दौरान टेंपल रोड से कचहरी अड्डा तक रोष प्रदर्शन किया गया। युवा कार्यकर्ताओं ने चीन सरकार के अत्याचारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। युवा कार्यकर्ताओं ने ‘हम क्या चाहते आजादी’, ‘हिंदी चीनी भाई-भाई, यही चीन का धोखा है’, ‘नरसंहार बंद करो’, ‘याद करो, याद करे, गलवां घाटी याद करो’, ‘जान भी देंगे खून भी देंगे, देश की मिट्टी कभी न देंगे’, ‘शी जिनपिंग हत्यारा है’ के नारे लगाए गए।
विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए तिब्बती आजादी के कार्यकर्ता तेनजिन सुंदू ने बताया कि चीनी सरकार तिब्बत के खिलाफ लगातार षड्यंत्र रच रही है। बावजूद इसके हम तिब्बतियों का आजादी का संघर्ष कभी ठंडा नहीं पड़ा है। चीनी सरकार की क्रूरता के खिलाफ अंतिम सांस तक यह संघर्ष जारी रहेगा। तिब्बती युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद 1949 से लेकर अब तक हुए करीब दस लाख बलिदानियों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। तेंजिन सुंदू ने बताया कि अब तक 156 लोग चीन के खिलाफ विरोध जताते हुए आत्मदाह कर चुके हैं। तिब्बती प्रदर्शनकारियों ने इसके बाद कचहरी चौक पर ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष के बाद भारतीय राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ और तिब्बत का राष्ट्रगान सि-शी फेल्डन’ भी गाया।
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