इंफ़ोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक होंगे ग़रीब हो रहे ब्रिटेन के नए पीएम

इंफ़ोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक होंगे ग़रीब हो रहे ब्रिटेन के नए पीएम

ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे. उन्हें कंज़र्वेटिव पार्टी का नेता चुन लिया गया है. वो ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री बन रहे हैं. सर ग्राहम ब्रैडी ने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है. इससे पहले पेनी मॉरडॉन्ट ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी. ऋषि सुनक आधिकारिक तौर पर मंगलवार से

ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे. उन्हें कंज़र्वेटिव पार्टी का नेता चुन लिया गया है. वो ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री बन रहे हैं. सर ग्राहम ब्रैडी ने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है. इससे पहले पेनी मॉरडॉन्ट ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी. ऋषि सुनक आधिकारिक तौर पर मंगलवार से प्रधानमंत्री पद संभाल सकते हैं.
गौरतलब है कि उससे पहले ब्रिटेन की निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने पिछले दिनों अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के सामने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जिस मैन्डेट के तहत उनका चुनाव हुआ था उसे वो पूरा नहीं कर सकेंगी. उन्होंने कहा कि जिस दौर में उनका चुनाव प्रधानमंत्री के पद पर हुआ वो आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता का दौर था. मैं मानती हूं कि जिस तरह की स्थिति है उसमें कंज़र्वेटिव पार्टी ने जिस मैन्डेट के तहत मेरा चुनाव किया था, उसे मैं पूरा नहीं कर सकूंगी. लिज़ ट्रस का इस्तीफ़ा गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के पद छोड़ने और कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसदों के बग़ावत के बाद हुआ था.
उल्लेखनीय है कि उससे पहले 05 सितंबर 2022 को ऋषि सुनक को हराकर लिज़ ट्रस कंज़र्वेटिव पार्टी की नेता बनीं. ट्रस को 81,326 वोट मिले जबकि सुनक को 60,399 वोट मिले. 06 सितंबर को लिज़ ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. दो दिन बाद ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन हो गया. 23 सितंबर को चांसलर क्वाज़ी क्वार्टेंग ने ‘मिनी बजट’ की घोषणा की जिसमें 45 अरब की टैक्स कटौती के बारे में कहा गया था. इससे बाज़ार में अस्थिरता फैलने लगी. 26 सितंबर को ‘मिनी बजट’ पेश होने के बाद यूके के बाज़ार पर भरोसा कम होने का नतीजा ये हुआ कि डॉलर के मुक़ाबले पाउंड अपने न्यूनतम स्तर तक पहुंच गया.
इस माह 03 अक्तूबर को ट्रस और क्वार्टेग ने यू-टर्न लेते हुए इनकम टैक्स की ऊंची दर का फ़ैसला पलटा. 14 अक्तूबर को ट्रस ने क्वार्टेग को बर्खास्त कर टैक्स में कटौती का समर्थन करने वाले जेरेमी हंट को देश का वित्त मंत्री बनाया. 19 अक्टूबर को ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्तीफ़ा दिया. उन्होंने अपने इस्तीफ़े का कारण नई सरकार के कामकाज़ के तरीक़ों को बताया और कहा कि ये सरकार जिस दिशा में जा रही है उसे लेकर वो चिंतित हैं. 20 अक्तूबर को ट्रस ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. 24 अक्तूबर को चार साल में चौथी बार कंज़र्वेटिव पार्टी का नेता ऋषि सुनक को चुना गया और उनके पीएम बनने का रास्ता साफ़ हो गया.
नए ब्रितानी प्रधानमंत्री सुनक के सामने कई मुश्किल चुनौतियां और सवाल होंगे. इनमें सबसे बड़ी मुश्किल है ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति. ब्रिटेन ग़रीब होता जा रहा है और देश की जनता इसे महसूस कर रही है- या एक कैबिनेट मंत्री के शब्दों में कहें तो, हमारे सामने वो सब समस्याएं हैं जो पहले से थीं और अब आर्थिक संकट भी है. अल्पकाल के लिए प्रधानमंत्री रहीं लिज़ ट्रस के प्रशासन ने जो मुश्किल हालात पैदा किए हैं उन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी को संकट में डाल दिया है. उनके फ़ैसले, और फिर उनसे पीछे हटने की वजह से ब्रिटेन को वित्तीय बाज़ार के हाथों क्रूर व्यवहार सहने के लिए मजबूर कर दिया.
1980 में सुनक का जन्म हैंपशर के साउथहैम्टन में हुआ था और उनकी पढ़ाई ख़ास प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई. इसके बाद वो ऑक्सफ़ोर्ड पढ़ाई के लिए गए, जहाँ उन्होंने दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. ब्रिटेन के महत्वाकांक्षी राजनेताओं के लिए ये सबसे आज़माया हुआ और विश्वसनीय रास्ता है. उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई भी की. राजनीति में दाख़िल होने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया और एक निवेश फ़र्म को भी स्थापित किया. ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं.
उन्होंने 2015 में, 35 साल की उम्र में, पहली बार संसद का चुनाव जीता. केवल सात वर्षों में वो आज प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. वे भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं. उन्होंने अक्षता मूर्ति से साल 2009 में शादी की थी. ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का वादा किया है. 2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंज़र्वेटिव सांसद चुने गए थे. वो नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं. उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट थीं. भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे. अपनी वेबसाइट पर ऋषि लिखते हैं, “मेरे माता-पिता ने बहुत त्याग किया ताकि मैं अच्छे स्कूलों में जा सकूं. मैं भाग्यशाली था कि मुझे विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौक़ा मिला.”
ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन की सबसे अमीर महिलाओं की सूचि में शामिल हैं. सुनक बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे. 2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंज़र्वेटिव सांसद चुने गए थे. उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट. भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे. पढ़ाई ख़ास प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई. उच्च शिक्षा के लिए सुनक ऑक्सफ़र्ड गए. बाद में स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए भी किया. राजनीति में आने से पहले इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया.
सुनक ने यूरोपियन यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार किया और उनके संसदीय क्षेत्र में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में 55 फ़ीसदी लोगों ने मतदान किया था. जुलाई 2019 में जॉनसन को सुनक ने वित्त मंत्रालय सौंपा था. इससे पहले वो जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार मंत्रालय में संसदीय अवर सचिव थे. ऋषि सुनक कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है. उन्होंने कहा था, “मैं पहली पीढ़ी का आप्रवासी हूँ. मेरे परिजन यहाँ आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहाँ पैदा हुए, उनके परिजन यहाँ पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी ज़िंदगी बनाने आए थे.” अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे.
ऋषि सुनक छह हफ़्ते पहले भी लीडरशिप की दौड़ में थे. फिर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के इस्तीफ़ा देने के बाद दोबारा सुनक को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में आ गए. इस बीच वहां के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज़ है कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी पद पर वापसी कर सकते हैं. हालांकि जेरेमी हंट का भी नाम सामने आया था, लेकिन उन्होंने लीडरशिप की दौड़ में शामिल होने से इनकार कर दिया. इस बीच पेनी मॉरडॉन्ट ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस के लिए आधिकारिक तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. वो पिछली दौड़ में भी शामिल हुई थीं, लेकिन नाकाम रही थीं.

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