यूपी-राजस्थान, हरियाणा के 77 कारखाने बंद करने के आदेश

यूपी-राजस्थान, हरियाणा के 77 कारखाने बंद करने के आदेश

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण फैलाने वाले 77 औद्योगिक कारखानों पर कार्रवाई की है. आयोग ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाली 77 औद्योगिक ईकाइयों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. एनसीआर क्षेत्र में सभी कारखानों को स्वीकृत ईंधन से संचालित करने के निर्देश का सख्ती से पालन कराने

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण फैलाने वाले 77 औद्योगिक कारखानों पर कार्रवाई की है. आयोग ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाली 77 औद्योगिक ईकाइयों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. एनसीआर क्षेत्र में सभी कारखानों को स्वीकृत ईंधन से संचालित करने के निर्देश का सख्ती से पालन कराने की हिदायत दी है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. आयोग ने कहा है कि एनसीआर में सर्दियों के दौरान जलवायु और मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों तथा खेत में जलने वाली पराली के मद्देनजर दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का पूर्वानुमान “खराब” और “बहुत खराब” श्रेणियों में रहने की आशंका है.
आयोग सभी हितधारकों (औद्योगिक घरानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, निर्माण एजेंसियों, राज्य सरकार/ जीएनसीटीडी एजेंसियों, एनसीआर में यूएलबी और बड़े पैमाने पर जनता) को जीआरएपी के तहत आवश्यक निवारक, शमन और प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों के बारे में सूचित और संवेदनशील बनाता रहा है. एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने संबंधी नीति के अलावा, आयोग द्वारा समय-समय पर विभिन्न वैधानिक निर्देश, परामर्श और आदेश जारी किए गए हैं, ताकि संबंधित विभिन्न एजेंसियों द्वारा उचित उपाय किए जा सकें.
एनसीआर में कोयला, भट्ठी का तेल आदि जैसे जबरदस्‍त प्रदूषण फैलाने वाले ईंधनों के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया गया है. एनसीआर में कड़े उत्सर्जन मानदंडों के साथ बायोमास ईंधन की अनुमति दी गई है. यह कदम बायोमास के पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. आयोग ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर एनसीआर के सभी उद्योगों को स्वीकृत सूची के अनुसार स्वच्छ ईंधन अपनाने की दिशा में रुख कराने के लिए एक अभियान शुरू किया है.
आयोग ने निर्देशों को पालन नहीं करने वाले 77 से अधिक कारखानों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद करने के निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने राजस्थान में 45 कोयला आधारित औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, 32 कोयला आधारित इकाइयां (हरियाणा में 9 और उप्र में 23) स्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं. आयोग की सख्ती के बाद 48 इकाइयों (हरियाणा में 8 और उप्र में 40) ने स्वीकृत ईंधन में परिवर्तित होने तक अपने परिचालन को अस्थायी रूप से स्‍थगित कर दिया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 28 अक्टूबर 2022 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 177 शहरों में से 11 में हवा ‘बेहतर’ रही, जबकि 43 शहरों की श्रेणी ‘संतोषजनक’, 74 में ‘मध्यम’ रही। वहीं 29 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया गया, जबकि बहादुरगढ़ (336), बेगूसराय (347), बेतिया (303), बुलंदशहर (317), चरखी दादरी (339), दिल्ली (357), धारूहेड़ा (337), फरीदाबाद (346), फतेहाबाद (302), गाजियाबाद (384), ग्रेटर नोएडा (364), गुरुग्राम (333), हिसार (306), जींद (337), कैथल (312), मानेसर (354), मोतिहारी (346), नोएडा (371), समस्तीपुर (366) और सिवान (345) में हवा ‘बेहद खराब’ रही। यदि दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 357 दर्ज किया गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 346, गाजियाबाद में 384, गुरुग्राम में 333, नोएडा में 371 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि कोलकाता में यह इंडेक्स 167, चेन्नई में 59, बैंगलोर में 95, हैदराबाद में 83, जयपुर में 178 और पटना में 269 दर्ज किया गया।
देश के जिन 11 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी ‘बेहतर’ रहा, उनमें आइजोल 28, चामराजनगर 48, एर्नाकुलम 46, गंगटोक 40, मैहर 40, नाहरलगुन 19, पुदुचेरी 47, सतना 45, शिलांग 35, शिवसागर 22 और विजयपुरा 46 शामिल रहे। वहीं अलवर, बागलकोट, बेंगलुरु, बीदर, बिलासपुर, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, एलूर, गडग, गांधीनगर, गुवाहाटी, हसन, हावेरी, होसुर, हुबली, हैदराबाद, कलबुर्गिक, कांचीपुरम, कन्नूर, कोलार, कोल्लम, कोटा, कोझिकोड, मदिकेरी, मैंगलोर, मंगुराहा, मैसूर, ऊटी, पाली, पंचकुला, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, शिवमोगा, सोलापुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी और तिरुपति आदि 43 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

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