साइबर अपराधियों से भारत समेत दुनिया के 195 देशों को बड़ा ख़तरा, इंटरपोल चिंतित

साइबर अपराधियों से भारत समेत दुनिया के 195 देशों को बड़ा ख़तरा, इंटरपोल चिंतित

अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल ने कहा है कि भारत समेत उसके लगभग 195 सदस्य देशों में से अधिकांश में पुलिस अधिकारी वित्तीय और साइबर अपराधों के बारे में चिंतित हैं और ऐसे अपराधों को दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियों में है.

अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल ने कहा है कि भारत समेत उसके लगभग 195 सदस्य देशों में से अधिकांश में पुलिस अधिकारी वित्तीय और साइबर अपराधों के बारे में चिंतित हैं और ऐसे अपराधों को दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियों में है. इंटरपोल ने ताज़ा जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले वर्षों में वैश्विक वित्तीय और साइबर अपराधों की दर और बढ़ने की संभावना है. संगठन के इतिहास में यह पहली बार है कि अंतरराष्ट्रीय पुलिस ने एक रिपोर्ट जारी की है जो अंतरराष्ट्रीय अपराध प्रवृत्तियों की पहचान करती है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका स्थित साइबर सुरक्षा फर्म, नॉर्टन के अनुसार, 2022 के पहले तीन महीनों में भारत में हर दिन औसतन लगभग 200,000 खतरों के साथ 18 मिलियन से अधिक साइबर हमले और खतरे देखे गए। कंपनी ने अपनी साइबर सुरक्षा पल्स रिपोर्ट में कहा है कि इस तिमाही में लगभग 60,000 फ़िशिंग प्रयासों के साथ-साथ इस समय में 30,000 से अधिक तकनीकी सहायता घोटाले रिपोर्ट में दर्ज किए। कंपनी ने नोट किया कि इस तिमाही के दौरान डीपफेक और क्रिप्टोकुरेंसी से संबंधित घोटाले दुनिया भर में सबसे अधिक हुए थे। हमलावरों ने चल रहे रूस-यूक्रेन संकट से जुड़े प्रचार को बनाने में डीपफेक का उपयोग करने के लिए कई युक्तियों को भी जोड़ा और इस जाल का उपयोग क्रिप्टो टोकन में पर्स में दान के लिए कॉल करने के लिए किया।
नॉर्टन ने यह भी कहा कि इस साल क्रिप्टो घोटाले भी बढ़ने की उम्मीद है, पिछले साल सिर्फ बिटकॉइन उल्लंघनों में $ 29 मिलियन से अधिक का नुकसान हुआ। 2022 की पहली तिमाही के दौरान, नॉर्टन ने दुनिया भर में 1 बिलियन से अधिक साइबर खतरों का जिक्र किया, औसतन प्रतिदिन 11 मिलियन से अधिक हमले। इस तिमाही में फ़िशिंग हमलों ने दुनिया भर में लगभग 16 मिलियन खतरों का सामना किया। यूक्रेन-रूस संघर्ष के साथ राज्य समर्थित हैकरों सहित कई साइबर हमलावरों ने अपने प्रयासों को तेज करते हुए वैश्विक साइबर सुरक्षा क्षेत्र में खतरों की बढ़ती मात्रा को देखना जारी रखा है। रूसी साइबर सुरक्षा कंपनी Kaspersky की अप्रैल 2022 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमले, या साइबर उल्लंघन जो एक ऑनलाइन सेवा को बंद करने के लिए सर्वर सूचना अनुरोधों की एक बड़ी मात्रा का उपयोग करते हैं, लगभग 4.6x वर्ष में दुनिया भर में शूट किया गया। वर्ष पर, इस तिमाही में। अन्य खतरे भी दुनिया भर में आनुपातिक रूप से बढ़ गए हैं – मार्च 2022 में यूएस-आधारित क्लाउड सुरक्षा फर्म Zscaler की एक रिपोर्ट ने उपकरणों में मैलवेयर फैलाने के लिए बैंकिंग ट्रोजन टूल DanaBot के उपयोग में वृद्धि का उल्लेख किया।
साइबर खतरे के परिदृश्य के बारे में बात करते हुए, साइबर सुरक्षा सेवा नॉर्टनलाइफलॉक के प्रौद्योगिकी प्रमुख डैरेन शॉ ने कहा, “साइबर अपराधी धोखे से मुनाफा कमाने में माहिर होते हैं, इसलिए उपभोक्ताओं के लिए नवीनतम घोटालों और गंभीर रूप से जागरूक होना महत्वपूर्ण है। इंटरनेट पर उनके सामने आने वाली किसी भी संदिग्ध चीज़ का विश्लेषण करें, चाहे वह सोशल मीडिया पर हो या उनके इनबॉक्स में।” इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जुलाई के महीने में संसद में बताया था कि 2022 में जून तक देश में 6.74 लाख से अधिक साइबर सुरक्षा की घटनाएं हुईं। चंद्रशेखर ने कहा, “सीईआरटी-इन (भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) ने बताया है कि वर्ष 2021 और 2022 (जून तक) के दौरान कुल 14,02,809 और 6,74,021 साइबर सुरक्षा घटनाएं क्रमशः देखी गई हैं।”
उधर, अपनी रिपोर्ट में इंटरपोल के महासचिव युरगेन स्टोक के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुलिस का प्रभावी प्रदर्शन अपराध की प्रकृति की समझ और प्रवृत्तियों पर आधारित है. इंटरपोल की ग्लोबल क्राइम ट्रेंड रिपोर्ट जनता के लिए जारी नहीं की गई है. यह केवल संगठन के सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उपलब्ध कराई जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक इंटरपोल सदस्य देशों में साक्षात्कार में शामिल 60 प्रतिशत से अधिक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग, इंटरनेट के माध्यम से धोखाधड़ी, ई-मेल के माध्यम से धोखाधड़ी, फिशिंग के जरिए डेटा की चोरी और हैकर्स द्वारा दुर्भावनापूर्ण तरीके से किए गए साइबर हमले (या रैंसमवेयर) दिन ब दिन बड़े और बड़े खतरे बनते जा रहे हैं. ऐसे अपराधों के अपराधियों में विभिन्न वेबसाइटों पर हमला करने और उन्हें पंगु बनाने के लिए रैंसमवेयर या मैलवेयर का इस्तेमाल करने वाले हैकर हैं. अक्सर हमले का शिकार वेबसाइटों को फिरौती देनी पड़ती है जिसके बाद ही वह इस्तेमाल करने में सक्षम होती हैं.
इंटरपोल की रिपोर्ट कहती है कि यूरोप में राष्ट्रीय पुलिस एजेंसियों द्वारा ‘सबसे बड़ा वर्तमान खतरा’ माने जाने वाले अपराधों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और सिंथेटिक ड्रग्स शामिल हैं. अवैध ऑनलाइन व्यवसाय शीर्ष पर हैं. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए इंटरपोल के विशेषज्ञों ने दुनिया के विभिन्न देशों में पुलिस अधिकारियों का साक्षात्कार लिया. लगभग 75 प्रतिशत अधिकारियों को इस बात की बहुत चिंता थी कि अगले तीन से पांच वर्षों में इंटरनेट पर बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं में वृद्धि होगी. हाल के सालों में भारत में ऑनलाइन अपराध बढ़े हैं. फोन पर मेसेज भेजकर लोगों को अपराधी धन जीतने का लालच देकर या फिर बैंक खाता बंद होने की झूठी सूचना देकर बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं.
बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक का निर्देश कहता है कि अगर किसी बैंक खाते से अवैध निकासी की जाती है तो तीन दिन के अंदर अगर बैंक को इसकी शिकायत की जाए तो ग्राहक को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा, बशर्ते थर्ड पार्टी धोखाधड़ी बैंक या ग्राहक की चूक की वजह से नहीं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम की किसी चूक की वजह से हुई हो. इसके साथ ही शिकायत की समय सीमा के अनुपात में बैंक की देनदारी तय की गई है. भारत के गृह मंत्रालय ने भी साइबर फ्रॉड से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए एक केंद्रीकृत हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है. इसका संचालन संबंधित राज्य की पुलिस द्वारा किया जाता है.

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