कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजों का ऐलान चुका है. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए हैं. उन्हें चुनाव में 7897 वोट और उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को करीब 1 हजार 72 वोट मिले हैं. चुनाव में 416 वोट खारिज हो गए. मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत के बाद दिल्ली में
कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजों का ऐलान चुका है. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए हैं. उन्हें चुनाव में 7897 वोट और उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को करीब 1 हजार 72 वोट मिले हैं. चुनाव में 416 वोट खारिज हो गए. मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत के बाद दिल्ली में एआईसीसी कार्यालय के बाहर जश्न का माहौल है. बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता कार्यालय पहुंच रहे हैं.
शशि थरूर ने बयान जारी कर मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया – ‘कांग्रेस का अध्यक्ष बनना बड़ा सम्मान और ज़िम्मेदारी है. मैं मल्लिकार्जुन खड़गे जी के इस काम में सफल होने की कामना करता हूं. एक हज़ार से अधिक सहयोगियों का समर्थन पाना मेरे लिए अहम था. करीब 9500 डेलीगेट्स ने पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव में मतदान किया था. आज मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में फैसला आया है. मैं उन्हें जीत पर बधाई देता हूं.’
कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में सोमवार को छठी बार पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. पार्टी की कमान अधिकांश समय गांधी परिवार के हाथ में रही है या तो सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव होता आया है. कांग्रेस पार्टी में आगे अपनी भूमिका के बार में राहुल गांधी ने कहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ही मेरी भूमिका के बारे में तय करेंगे.
चुनाव में अनियमितताओं पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान दिया. बोले- मसले कांग्रेस इलेक्शन कमेटी में मधुसूदन मिस्त्री के सामने रख दिए गए हैं और वो फैसला लेंगे. राहुल ने वोटों की गिनती के बीच ही खड़गे की जीत की बात कह दी थी. जब उनसे पार्टी में रोल के बारे में सवाल किया गया तो कहा- खड़गेजी से पूछिए. अब वही तय करेंगे. इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वें नेता बन गए हैं. वे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं. बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे. आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही. 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही.
भारत जोड़ो यात्रा में आंध्र प्रदेश पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है, जिसमें इलेक्शन होता है और उसका अपना इलेक्शन कमीशन है. मैंने कांग्रेस इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री के साथ काम किया. वे काफी स्पष्ट वक्ता हैं. सारे मसले उनकी नजर में लाए गए हैं और वही एक्शन लेंगे. हर कोई कांग्रेस में चुनाव के बारे में पूछता है. मुझे कांग्रेस पर फख्र है, जिसमें ओपन और ट्रांसपेरेंट चुनाव हो रहे हैं. कोई दूसरी पार्टियों के भीतर चुनाव में इंट्रेस्ट क्यों नहीं लेता, चाहे वो भाजपा हो या दूसरी क्षेत्रीय पार्टियां?’
काउंटिंग के दौरान थरूर के चीफ इलेक्शन कैंपेनर सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और मतदान के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया था. सोज ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है. कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी. तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे. सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए. सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली. इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था.
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