परमाणु युद्ध का वेक-अप अलार्म : मध्यरात्रि होगी मानवता के लिए ‘कयामत की घड़ी’ !

परमाणु युद्ध का वेक-अप अलार्म : मध्यरात्रि होगी मानवता के लिए ‘कयामत की घड़ी’ !

धरती पर मानवता के अंत का अनुमान लगाने वाली ‘कयामत की घड़ी’ ने चेतावनी दी है कि हम ‘नींद में परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं’ क्योंकि यूक्रेन में संघर्ष बढ़ता जा रहा है. घड़ी की निगरानी करने वाली मैग्जीन बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट के मुताबिक, यह संकेतात्मक घड़ी इस बात का अनुमान

धरती पर मानवता के अंत का अनुमान लगाने वाली ‘कयामत की घड़ी’ ने चेतावनी दी है कि हम ‘नींद में परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं’ क्योंकि यूक्रेन में संघर्ष बढ़ता जा रहा है. घड़ी की निगरानी करने वाली मैग्जीन बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट के मुताबिक, यह संकेतात्मक घड़ी इस बात का अनुमान लगाती है कि परमाणु युद्ध या जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं की वजह से मानवता खुद को तबाह करने के कितने करीब है. रूस और यूक्रेन युद्ध को नौ महीने होने वाले हैं और इस दौरान कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी दी जा चुकी है.
डेलीस्टार की खबर के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में परमाणु मामलों पर मैग्जीन के एडिटर फ्रांकोइस डियाज़-मॉरिन ने यूक्रेन पर पुतिन के हमले के संदर्भ में एक आर्टिकल लिखा था. इसका शीर्षक था, ‘Nowhere to Hide: How a Nuclear War Would Kill You and Almost Everyone Else’. न्यूजवीक से बात करते हुए डियाज़-मॉरिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया के परमाणु युद्ध की ओर बढ़ने की आशंका है. ‘परमाणु हथियारों के निर्माण के बाद से इसके खतरों को कवर करने वाली एक मैग्जीन के तौर पर, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम कुछ करें. यह आर्टिकल बुलेटिन मैग्जीन के लिए एक वेक-अप अलार्म है. इस स्टोरी के लिए इससे बेहतर समय कोई नहीं हो सकता. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टिंग के आधार पर अब हम जानते हैं कि रूस के सैन्य अधिकारी यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की वास्तविक संभावना पर चर्चा कर रहे हैं.’
यह स्पष्ट नहीं है कि पुतिन या उनके किसी सलाहकार ने इस आर्टिकल को पढ़ा या नहीं, लेकिन डियाज़-मॉरिन का दावा है कि पब्लिश होने के बाद कुछ मिनट के भीतर इसे मॉस्को में पढ़ लिया गया था. इस घड़ी को 1947 में स्थापित किया गया था, जिसके बाद से इसे 24 बाद रिसेट किया जा चुका है. इसे हाल ही में 2020 में रिसेट किया गया था, जब बुलेटिन ने मिनट वाली सुई को आगे बढ़ाया था. घड़ी के अनुसार ‘मध्यरात्रि’ का समय मानवता के लिए ‘कयामत की घड़ी’ होगी.
हालांकि पुतिन के युद्ध ने अभी तक घड़ी की मिनट वाली सुई को ‘मध्यरात्रि’ के करीब नहीं बढ़ाया है. बुलेटिन के साइंस और सिक्योरिटी बोर्ड ने वर्तमान संघर्ष की निंदा की है. डियाज़-मॉरिन ने अपने आर्टिकल में संभावित परमाणु युद्ध के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया है. उन्होंने अनुमान लगाया कि कुछ मिनट के भीतर ही सैकड़ों या हजारों बम विस्फोट हो जाएंगे. उन्होंने चेतावनी दी है कि अमेरिका और रूस के बीच का युद्ध सीधे तौर पर कम से कम 36 करोड़ लोगों की जान ले लेगा.

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