कर्नाटक पुलिस ने लिंगायत समुदाय के सबसे ताक़तवर मठाधीशों में से एक डॉ शिवमूर्ति मुरुगा शरणरु के ख़िलाफ़ दायर चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए हैं. पिछले महीने अदालत में पेश की गयी इस चार्जशीट में दर्ज बातें धीरे-धीरे सार्वजनिक हो रही हैं. इसके साथ ही गत शनिवार को इस मामले में एक नया मोड़ सामने
कर्नाटक पुलिस ने लिंगायत समुदाय के सबसे ताक़तवर मठाधीशों में से एक डॉ शिवमूर्ति मुरुगा शरणरु के ख़िलाफ़ दायर चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए हैं. पिछले महीने अदालत में पेश की गयी इस चार्जशीट में दर्ज बातें धीरे-धीरे सार्वजनिक हो रही हैं. इसके साथ ही गत शनिवार को इस मामले में एक नया मोड़ सामने आ गया, जब कर्नाटक पुलिस ने यौन हिंसा की शिकार हुई दो लड़कियों की माँ को मठाधीश के ख़िलाफ़ साजिश रचने के मामले में गिरफ़्तार कर लिया.
इस गिरफ़्तारी के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक ऑडियो क्लिप को आधार बताया गया. कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक क्लिप वायरल हुई. दावा किया जा रहा है कि इस ऑडियो क्लिप में पीड़िताओं की माँ और एनजीओ के बीच हुई बातचीत है. चित्रदुर्ग के एसपी (ग्रामीण) के. परशुराम का कहना है कि गिरफ़्तार की गयी महिला मठ में खाना बनाने का काम करती थी और उसके ख़िलाफ़ मठ के हाई स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक बासव राजेंद्र और मैसूर की एनजीओ ओदानंदी के साथ मिलकर मठाधीश को फंसाने के लिए साजिश रचने का आरोप है.
चार्जशीट से जुड़ी हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़ शरणरु ने 2013 से 2015 के बीच 13 साल की एक बच्ची के साथ कई बार बलात्कार किया. चार्जशीट में इस महिला के बयान को शामिल किया गया है, जिसके मुताबिक जब पीड़िता की उम्र मात्र 13 वर्ष थी तो वह मठ के होस्टल में रहा करती थी और मठाधीश हर रात उसे अपने कमरे में बुलाकर सुबह साढ़े चार या पांच बजे वापस होस्टल भेज देते थे. पीड़िता ने बताया है कि, “साल 2012 में बीमारी की वजह से मेरी माँ की मौत हो गयी थी. मैं उस वक़्त सातवीं में पढ़ रही थी. इसके बाद मेरे पिता ने मुरुगा मठ के प्रियदर्शिनी हाई स्कूल में मेरा दाखिला करा दिया. मैं अक्का महादेवी होस्टल में रह रही थी.” इस चार्जशीट में हॉस्टल की वॉर्डन रश्मि, बासावरादित्या और हॉस्टल प्रमुख परम शिवैया का भी नाम शामिल किया गया है.
पीड़िता ने चार्जशीट में बताया है कि जब वह हॉस्टल में रहने गयी थी तब श्रुति और अपूर्व वॉर्डन थे और सब कुछ ठीक था लेकिन साल 2013-14 में रश्मि के वॉर्डन बनने के बाद दिक्कतें शुरू हुईं. पीड़िता ने कहा है, “रश्मि मुझसे रात नौ बजे के बाद मठाधीश के कमरे में फल लेकर आने के लिए कहती थी. मैं तीन बार एक दूसरी लड़की के साथ मठाधीश के पास गयी. कुछ समय बाद दूसरी लड़की ने जाना बंद कर दिया. मैं डिनर और सबके सो जाने के बाद उनके कमरे में पीछे के दरवाजे से जाया करती थी. वह मुझे ड्राई फ़्रूट्स और चॉकलेट देते थे. वह पूछते थे कि कहीं किसी ने मुझे उनके कमरे में आते हुए देखा तो नहीं. इसके बाद वह मेरे कपड़े हटाते थे. और फिर अपने कपड़े भी उतारते थे. और वह मुझे अपनी गोदी में बिठाकर मेरे निजी अंगों को छूकर मेरे साथ यौन संबंध बनाते थे.”
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