दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है, जिससे मजदूरों की कमाई ठप्प हो गई है. सरकार ने अब मजदूरों के लिए 5000 रुपए के हर्जाने की घोषणा की है. दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का स्तर गिरता जा रहा है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है, जिससे मजदूरों की कमाई ठप्प हो गई है. सरकार ने अब मजदूरों के लिए 5000 रुपए के हर्जाने की घोषणा की है. दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का स्तर गिरता जा रहा है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कई कदम लागू किए जा रहे हैं. इसके पहले चरण (जब वायु गुणवत्ता 201 से 300 के बीच हो) के तहत ही निर्माण गतिविधियों पर सीमित बैन लग जाता है. तीसरे चरण (जब वायु गुणवत्ता 401 से 450 के बीच पहुंच जाए) के तहत कुछ आवश्यक क्षेत्रों को छोड़ कर पूरी तरह से निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है.
ऐसे में निर्माण परियोजनाओं में काम करने वाले देश के कोने कोने से आए श्रमिकों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है, क्योंकि उनकी कमाई बंद हो जाती है. दिल्ली सरकार ने अब घोषणा की है कि इन श्रमिकों को 5,000 रुपए हर्जाना दिया जाएगा. यह हर्जाना सिर्फ एक बार दिया जाएगा. दिल्ली में न्यूनतम वेतन 16,792 रुपए है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट्टर पर घोषणा की है कि प्रदूषण को देखते हुए पूरी दिल्ली में निर्माण गतिविधियों को बंद कर दिया गया है. उन्होंने श्रम मंत्री से कहा है कि श्रमिकों के हर्जाने की रकम को दे दिया जाए. निर्माण पर प्रतिबंध सोमवार 31 अक्टूबर को लगे थे लेकिन सरकार ने यह नहीं बताया है कि ये कब तक लागू रहेंगे. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक राजधानी व एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई थी लेकिन अब थोड़ा सा सुधार आया है और यह बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है. पूर्वानुमान के मुताबिक अगले कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ ही रहने वाला है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले 10 लाख से ज्यादा मजदूर हैं, जिनमें से करीब नौ लाख निर्माण बोर्ड के साथ पंजीकृत हैं. पिछले साल और इस साल की शुरुआत में भी दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों को इसी तरह 5,000 रुपए हर्जाना दिया था. दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील भी की है कि वो गाड़ियों में एक दूसरे के साथ यात्रा करने की कोशिश करें, जितना संभव हो घर से काम करें और घर पर कोयले और लकड़ी को कम से कम जलाने के काम में लाएं.
दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में जाना जाता है. फैक्टरियों का धुंआ, पेट्रोल-डीजल गाड़ियों का धुंआ, धूल, पड़ोसी राज्यों से पराली जलाए जाने का धुंआ और हवा की गति कम हो जाना जैसे मिले जुले कारणों से सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. लोगों को फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं और पहले से बीमारियों से जूझ रहे लोग और अस्वस्थ हो जाते हैं. डॉक्टर विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर कम से कम निकलने की सलाह देते हैं. इस साल भी स्कूलों को बंद कर देने की मांगें उठनी शुरू हो चुकी हैं.
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