ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. दरअसल, इस मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष संतुष्ट नहीं है. हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट ने हमारी अर्ज़ी, जिसमें हमने कार्बन डेटिंग की मांग की थी उसे
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. दरअसल, इस मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष संतुष्ट नहीं है. हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट ने हमारी अर्ज़ी, जिसमें हमने कार्बन डेटिंग की मांग की थी उसे ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वजूखाने में किसी भी तरह का सर्वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. ऐसे में हम वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हमारी कई अर्जियां कोर्ट के सामने हैं. अगली तारीख 17 अक्टूबर की है, तब कोर्ट तय करेगा कि मामले की सुनवाई आगे कैसे चलेगी. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा कि हमने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया था. किसी भी तरह का सर्वे या कॉर्बन डेटिंग उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होता. हमे अगर मौका दिया जाएगा तो हम ये साबित कर देंगे कि यह एक फव्वारा है.
वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं कराने का फ़ैसला सुनाया है. कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना नहीं होनी चाहिए. 5 में से 4 पक्षकारों ने कथित शिवलिंग की ASI द्वारा वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की थी. इस मामले में 11 तारीख़ को सुनवाई पूरी हो गई थी. मस्जिद पक्ष ने दलील दी कि वहां शिवलिंग नहीं फ़व्वारा है. 5 में से 1 हिंदू पक्षकार ने कथित शिवलिंग के वैज्ञानिक परीक्षण का विरोध किया.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि हमारी मांग है कि कार्बन डेटिंग या फिर किसी और पद्धति से शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच हो. वहीं मस्जिद पक्ष ने पिछली सुनवाई में कार्बन डेटिंग कराने का विरोध किया. इस मा्मले में मस्जिद पक्ष की दलील है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पूरा वजूखाना सील रहे, सर्वे का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. हम बस चाहते हैं कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण से पता चले कि शिवलिंग कितने साल पुराना है. अगर कोर्ट आज सर्वेक्षण के लिए जानकारों की कमेटी बनाएगा तो हमें वो मंज़ूर होगा.
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