हरियाणा के हिसार जिले के कोथकलां गांव में रहने वाले नवीन और प्रवीण ने कोरोनावायरस संकट को अपने लिए एक आपदा में अवसर की तरह बना लिया था. कोरोना संकट रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौर में दोनों ने नौकरी छोड़ कर अपने घर की छत पर 15 सीट जगह में केसर की
हरियाणा के हिसार जिले के कोथकलां गांव में रहने वाले नवीन और प्रवीण ने कोरोनावायरस संकट को अपने लिए एक आपदा में अवसर की तरह बना लिया था. कोरोना संकट रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौर में दोनों ने नौकरी छोड़ कर अपने घर की छत पर 15 सीट जगह में केसर की खेती करना शुरू कर दिया. लॉकडाउन के दौरान नवीन और प्रवीण ने छत पर केसर की खेती एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर की थी. उन्होंने एयरोपोनिक मेथड से अपने घर की छत पर केसर की खेती की और इससे उन्होंने 6 से ₹9 लाख तक की कमाई की.
भारत में केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर में होती है. हरियाणा के इन युवाओं ने अपने घर की छत पर एयरोपोनिक मेथड से केसर की खेती की. अगर दुनिया की बात करें तो ईरान, स्पेन और चीन में केसर की खेती एयरोपोनिक मेथड से की जाती है. भारत में केसर की खेती सिर्फ जम्मू कश्मीर में होती है, जबकि देश और विदेश से इसकी काफी मांग है.
नवीन और प्रवीण ने सबसे पहले यूट्यूब पर केसर की खेती का तरीका देखा. उसके बाद वे जम्मू-कश्मीर जाकर ₹250 प्रति किलो के हिसाब से केसर के बीज लेकर आए. उन्होंने 100 किलोग्राम केसर का बीज खरीदा. इसके बाद उन्होंने घर की छत पर 15 बाई 15 फीट के हिस्से में खेती शुरू की. उनकी केसर की खेती अगस्त से नवंबर 2020 के बीच पूरी हो गई. नवीन और प्रवीण ने डेढ़ किलो केसर उगाया, शुरुआत में उन्हें 6 से ₹9 लाख मिले. इस समय केसर की बाजार में कीमत ₹300000 प्रति किलोग्राम है.
प्रवीण और नवीन ने अपनी इस खेती के बारे में कहा कि घर की छत पर केसर की खेती का यह प्रोजेक्ट 7 से 10 लाख रुपए में शुरू हो सकता है. इसके लिए कई तरह की मशीन लगाई गई और घर की छत पर तापमान को नियंत्रित करने की व्यवस्था की गई. सबसे बड़ी बात यह है कि किसान अपने घर में केसर की खेती कर सकते हैं. अगर किसान सही तरीके से घर की छत का इस्तेमाल करें तो इससे सालाना 10 से 20 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है.
केसर की खेती के लिए दिन का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. रात में यह तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास होना चाहिए. इसके साथ ही हयूमीडिटी 90 फ़ीसदी होनी चाहिए. केसर की खेती को थोड़ी बहुत धूप की भी जरूरत है. अगर धूप नहीं है तो इसे लाइट की मदद से भी धूप दी जा सकती है. आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि लैंप बैक्टीरिया फ्री हो, इसके साथ ही आप थर्मोकोल का भी यूज कर सकते हैं.
सेफ्रॉन या केसर की मदद से साबुन, तेल, फेस मास्क आदि बनाए जाते हैं. इसके साथ ही खाने-पीने के कई आइटम में केसर का काफी प्रयोग होता है. केसर की बाजार में भारी मांग है. केसर गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए काफी फायदेमंद है. इसके साथ ही केसर का उपयोग कैंसर, दिल की बीमारियों और कफ आदि में भी किया जाता है.
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