हिमाचल की राजधानी शिमला में गत माह 10 सितंबर के ‘कविकुंभ’ शब्दोत्सव के बाद से 17 अक्टूबर तक ‘लिटरेचर विद नेचर’ के तत्वावधान में तीन और सफल साहित्यिक आयोजन; कविकुंभ, कीकली न्यूज, पोएटिक आत्मा, शिमला वाक्स आदि के साझा प्रयासों से सम्पन्न हो चुके हैं। साहित्यिक मासिकी ‘कविकुंभ’ के लिए यह अत्यंत हर्ष, गर्व और
हिमाचल की राजधानी शिमला में गत माह 10 सितंबर के ‘कविकुंभ’ शब्दोत्सव के बाद से 17 अक्टूबर तक ‘लिटरेचर विद नेचर’ के तत्वावधान में तीन और सफल साहित्यिक आयोजन; कविकुंभ, कीकली न्यूज, पोएटिक आत्मा, शिमला वाक्स आदि के साझा प्रयासों से सम्पन्न हो चुके हैं। साहित्यिक मासिकी ‘कविकुंभ’ के लिए यह अत्यंत हर्ष, गर्व और संतोष का विषय है कि उसकी ओर से शिमला में एक ऐसी नई पहल हो सकी। भविष्य में ऐसे आयोजन लगातार किए जाने की योजना है।
17 सितंबर को शिमला के गेयटी थिएटर में एक उम्दा आयोजन हुआ। वरिष्ठ पत्रकार एवं कथाकार राजेन्द्र राजन के आत्मकथात्मक उपन्यास ‘शहर दर शहर’ का विमोचन और कविगोष्ठी का आयोजन कीकली ट्रस्ट द्वारा तीन अन्य संस्थाओं कविकुंभ, शिमला वाक्स और पोएटिक आत्मा के सहयोग से, लिट्रेचर विद नेचर के बैनर तले किया गया। कथाकार राजन और विद्वान आयोजकों ने किताब पर बात करने के लिए बहुत सारे साहित्यकार स्नेहपूर्वक आमन्त्रित किए। वरिष्ठ लेखक श्रीनिवास जोशी की अध्यक्षता में प्रथम सत्र में हेमराज कौशिक और आत्मरंजन ने किताब पर अपने-अपने सविस्तार विचार दिए।
इस महत्वपूर्ण साहित्यिक आयोजन के दूसरे सत्र में कविगोष्ठी की अध्यक्षता और अध्यक्षीय वक्तव्य हिमाचल के प्रतिष्ठित कवि आत्मरंजन ने दिया। अध्यक्ष मंडल में श्री जोशी, श्री राजन, और डॉ हेमराज कौशिक की गरिमामय उपस्थिति रही। वक्तव्य के बहाने संक्षेप में कविता पर कुछ बात भी हुई और लोकार्पित पुस्तक पर सारगर्भित चर्चाएं भी।
किताब पर एस एन जोशी के गंभीर अभिमत के साथ ही हेमराज कौशिक के विचार, सूरज प्रकाश, जितेंद्र अवस्थी और विजय उपाध्याय की उल्लेखनीय टिप्पणियां सराही गईं। सुरेश शांडिल्य ने रोचक, उम्दा उपन्यास अंश-पाठ किया। इसके साथ ही सुदर्शन वशिष्ठ, गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, सतीश रत्न, ओम प्रकाश शर्मा, भारती कुठियाला, स्नेह नेगी, रमेश ढडवाल, सुमित राज, नरेश देयोग, सीताराम शर्मा, गुलपाल वर्मा, राधा सिंह, अजय विचलित, कमल चंद कुलुवी, रितु शर्मा, गीतांजलि, राहुल, पूजा, बबीता आदि रचनाकारों ने कविता पाठ किए। सात वर्षीय नन्ही-मुन्नी वैराही ठाकुर निराला से लेकर अस्सी पार वरिष्ठों तक की गरिमामय सृजनात्मक उपस्थिति ने आयोजन को सुखद स्वर दिया।
राजेंद्र राजन की किताब के लोकार्पण अवसर पर शिमला के साहित्यिक और प्रबुद्ध वर्ग की कार्यक्रम में उत्साहजनक मौजूदगी रही। कीकली से वंदना भागड़ा, कविकुंभ से रंजीता सिंह, शिमला वाक्स से सुमित राज और पोएटिक आत्मा से अभिषेक तिवारी के प्रयास और सहभागिता से निरंतर शिमला में ऐसे आयोजन कराए जाने की प्रतिबद्धता जताई गई। आगामी 30 अक्टूबर को एक और साहित्यिक आयोजन की घोषणा के साथ इस सफल साहित्यिक आयोजन का समापन हुआ। शिमला के सभी साथियों, साहित्यकारों और चारो संस्थाओं कविकुंभ, कीकली न्यूज, पोएटिक आत्मा, शिमला वाक्स से वन्दना भागरा, सुमित राज, सीताराम शर्मा, रमेश डढवाल, अभिषेक तिवारी और आयोजन में शामिल होने वाले सभी वरिष्ठ और नए रचनाकारों के प्रति हृदय से आभार जताया गया।
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