आईआईटी और एनएसडीसी द्वारा घर बैठे डाटा साइंस और मशीन लर्निंग की पढ़ाई का मौका दिया जा रहा है. अब घर बैठे ही डाटा साइंस और मशीन लर्निंग की पढ़ाई कर लाखों की कमाई की जा सकती है. डेटा साइंस के सर्टिफिकेट कोर्स में 6 महीने का समय लगता है. वहीं मशीन लर्निग के एडवांस
आईआईटी और एनएसडीसी द्वारा घर बैठे डाटा साइंस और मशीन लर्निंग की पढ़ाई का मौका दिया जा रहा है. अब घर बैठे ही डाटा साइंस और मशीन लर्निंग की पढ़ाई कर लाखों की कमाई की जा सकती है. डेटा साइंस के सर्टिफिकेट कोर्स में 6 महीने का समय लगता है. वहीं मशीन लर्निग के एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स को पूरा करने में 9 महीने का समय लगता है. इन दोनों सर्टिफिकेट कोर्स को पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट पर आईआईटी मंडी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) का नाम होगा.
छह महीने के कोर्स के लिए 1.25 लाख रुपये फीस और 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा. किसी भी विषय में ग्रेजुएशन और डिप्लोमा वाले छात्र इस सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिले के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने वालों को 12वीं कक्षा में 50 फीसदी अंक से पास होना चाहिए. आवेदन के दौरान उम्मीदवारों को 12वीं कक्षा की मार्कशीट, ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट या डिग्री को अपलोड करना होगा. साथ ही पहचान पत्र भी देना होगा.
यह कोर्स रोजगार की गांरटी के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी दे सकता है. दरअसल, आईआईटी मद्रास ने प्रोग्रामिंग और डेटा साइंस में स्नातक के साथ-साथ डेटा साइंस और एप्लिकेशन में चार साल की बीएस डिग्री की पढ़ाई भी शुरू की थी, उसके बाद आईआईटी मद्रास ने देशभर के विद्यार्थियों में इस कोर्स के बढ़ते क्रेज को देखते हुए ये फैसला लिया है. कंपनियों या शोध संस्थानों में 8 महीनों की अप्रेंटिसशिप या प्रोजेक्ट भी कर सकते हैं.
यह यूनिक प्रोग्राम इस तरह डिजाइन किया गया है कि विद्यार्थियों को कोर्स के बीच भी अप्रेंटिसशिप का विकल्प दिया जा सकता है. यह कोर्स छात्रों को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करने और विद्यार्थियों को उनके हिसाब से कोर्स करने की सुविधा देता है. एक बार एडमिशन लेने के बाद छात्र चाहें तो पूरा डिग्री कोर्स कर सकते हैं या फिर उससे कम पढ़ाई करके भी निकल सकते हैं.
छात्रों को स्कॉलरशिप जीतने का मौका
फेडरल बैंक ने अकादमिक वर्ष 2022-23 के लिए फेडरल बैंक हॉर्मिस मेमोरियल फाउंडेशन स्कॉलरशिप्स के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. बैंक के संस्थापक स्वर्गीय के पी हॉर्मिस की याद में इस स्कॉलरशिप की शुरुआत की गई थी. अकादमिक वर्ष 2022-23 के दौरान सरकारी/ सरकारी सहायता प्राप्त/ सरकारी मान्यता प्राप्त स्वयं-वित्त पोषित कॉलेजों में मेरिट से एडमिशन हासिल करने वाले छात्र इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अकादमिक वर्ष 2022-23 के दौरान एमबीबीएस, इंजीनियरिंग, बीएससी (नर्सिंग), एग्रीकल्चर यूनिर्सिटी द्वारा चलाए जाने वाले एग्रीकल्चर साइंसेज के साथ बीएससी (ऑनर्स) को-ऑपरेशन बैंकिंग सहित बीएससी एग्रीकल्चर और एमबीए जैसे कोर्स करने वाले छात्र स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि, आवेदक के परिवार की सालाना आय तीन लाख रुपये से कम होनी चाहिए.
देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सशत्र बलों के जवानों के बच्चों पर अलग माध्यम के जरिए विचार किया जाएगा और इस श्रेणी के तहत आने वाले छात्रों के लिए फैमिली इनकम की अधिकतम सीमा लागू नहीं होगी. केरल, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और महाराष्ट्र के छात्र इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं. हर विषय में एक सीट शारीरिक रूप से दिव्यांग छात्रों के लिए रखा जाएगा. इसके साथ ही बोलने, सुनने एवं देखने में कठिनाई का सामना करने वाले छात्रों के लिए अलग से एक कैटेगरी होगी. इन छात्रों को कम-से-कम डीएमओ रैंक के मेडिकल अधिकारी या बैंक के स्वीकृत मेडिकल ऑफिसर द्वारा जारी सर्टिफिकेट साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करना होगा. अगर दिव्यांग श्रेणी में आवेदन नहीं मिलते हैं, तो उन सीटों का इस्तेमाल भी जनरल कैटेगरी में किया जाएगा.
प्रेसिडेंट और चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर अजीत कुमार केके ने कहा, “बैंक के सीएसआर कार्यक्रमों का लक्ष्य भावी पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए समुदायों का विकास करना और पर्यावरण की सस्टेनिबिलिटी को प्रमोट करना है. बैंक की सीएसआर गतिविधियां स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण की सस्टेनेबिलिटी, आपदा प्रबंधन और कंपनी अधिनियम, 2013 के शिड्युल 7 के तहत अनुमत अन्य गतिविधियों से संबंधित हैं. सहायता प्राप्त करने के आकांक्षी तबके तक पहुंचना बैंक के वैल्यू में शामिल है.
ऐसे छात्रों के लिए पेशेवर शिक्षा सहित एजुकेशन को प्रमोट करना बैंक द्वारा सीएसआर मद के फोकस में शामिल है. बैंक 17 साल से भी अधिक समय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को स्कॉलरशिप दे रहा है. छात्र बैंक के सपोर्ट से कोर्स पूरा कर पा रहे हैं और एक अच्छा रोजगार हासिल कर पा रहे हैं.”चुने गए छात्रों की कॉलेज के फ्री स्ट्रक्चर के अनुसार 100% ट्यूशन फीस और अन्य जमा किए गए जा चुके पढ़ाई-लिखाई से जुड़े खर्चों को लौटा दिया जाएगा. हालांकि, ये राशि साल भर में अधिकतम एक लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
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