उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड वर्क के कारण बंदरकोट के पास गंगोत्री हाइवे पर बना भूस्खलन जोन अब डर का पर्याय बन चुका है. स्थिति यह है कि 200 मीटर क्षेत्र में फैले इस भूस्खलन जोन से गिरते पत्थर आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचाने लगे हैं. इस भूस्खलन जोन से पिछले दो दिन में हुई
उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड वर्क के कारण बंदरकोट के पास गंगोत्री हाइवे पर बना भूस्खलन जोन अब डर का पर्याय बन चुका है. स्थिति यह है कि 200 मीटर क्षेत्र में फैले इस भूस्खलन जोन से गिरते पत्थर आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचाने लगे हैं. इस भूस्खलन जोन से पिछले दो दिन में हुई पत्थरों की बरसात बस्ती तक पहुंचने से गांव के लोग दहशत में हैं. कुछ बड़े बड़े बोल्डर सीधे घरों में गिरने लगे हैं. इसी क्रम में एक घर में रहने वाले एक परिवार के चार लोग बाल-बाल बचे हैं. पत्थरों की बरसात से ग्रामीण अब दहशत में हैं. ग्रामीण अमीषा ने बताया कि 10 परिवार के लोग 2 रातों से सो नहीं पाए हैं. पहाड़ी से पत्थर गिरते ही सभी घर छोड़ भागने को मजबूर होते हैं.
भूस्खलन जोन के बढ़ते दायरे से इस पूरी बस्ती पर खतरा मंडराने लगा है, लेकिन 10 परिवारों के लोग इस समय बेहद दहशत में हैं. पहाड़ी से गिरे बोल्डर्स ने आंगनबाड़ी केंद्र को भी नुकसान पहुंचाया है. भवनों पर बने खतरे के बाद गांववाले स्वयं ही सीधे विस्थापन की मांग कर रहे हैं. इन दुरुह परिस्थितियों के बीच प्रशासन ने कार्यदायी संस्था बीआरओ को इस मामले में जरूरी कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए हैं. यमुना चावला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है इस भूस्खलन के चलते आंगनबाड़ी को भी नुकसान हुआ है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है.
ऑल वेदर वर्क के बाद सक्रिय हुआ भूस्खलन अब बस्ती पर खतरा बन गया है. भूस्खलन जोन कभी भी बस्ती पर कहर बरसा सकता है. जरूरत इस बात की है कि किसी बड़ी घटना से पहले ही प्रशासन जरूरी कदम उठाए ताकि ग्रामीणों को भी राहत मिल सके. गौरतलब है कि इससे पहले उत्तरक़ाशी में तीन दिन पहले बन्दरकोट के पास हाईवे बन्द रहा है. यहां पर एक बार फिर भूस्खलन जोन सक्रिय होने से रास्ता बंद करना पड़ा. हाइवे बंद होने से बड़ी संख्या में यात्री या तो रास्ते में फंसे गए या फिर अपने होटल और घरों में रह गए. आवागमन बंद होने से कोई एक से दूसरी जगह नहीं जा सके. मार्ग बंद हो जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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