भारत के दक्षिणी राज्य केरल में पुलिस ने तीन लोगों को नरबलि देन के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने दो महिलाओं को बलि देने के नाम पर इसलिए जान से मार दिया कि वे धनी हो जाएंगे. केरल पुलिस ने दावा किया है कि राज्य के एक
भारत के दक्षिणी राज्य केरल में पुलिस ने तीन लोगों को नरबलि देन के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने दो महिलाओं को बलि देने के नाम पर इसलिए जान से मार दिया कि वे धनी हो जाएंगे. केरल पुलिस ने दावा किया है कि राज्य के एक दंपती ने धन पाने के लिए दो महिलाओं की बलि दे दी. पुलिस प्रवक्ता प्रमोद कुमार ने बताया कि आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे इस दंपति ने मोहम्मद शफी नामक एक व्यक्ति को तीन लाख रुपये दिए और बलि के लिए लोगों का इंतजाम करने को कहा. पुलिस ने शफी के अलावा पति-पत्नी भागवाल सिंह और लैला को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक शफी ने तीन महीने के अंतर पर दो अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं का कत्ल किया. शफी ने ही भागवाल सिंह और उनकी पत्नी को बताया था कि इंसानों की बलि देकर वे धनवान बन सकते हैं. पुलिस ने शफी को यौन-विकृति का शिकार व्यक्ति बताया है, जिस पर पहले भी बलात्कार के आरोप लगे हैं. जांचकर्ताओं ने मीडिया को बताया कि शफी ने पहली पीड़िता को एक फिल्म में काम दिलाने का वादा कर सिंह के घर जून महीने में बुलाया था. लेकिन इस हत्या के बाद सिंह दंपती ने शफी से कहा कि उनकी किस्मत में कोई बदलाव नहीं हुआ है. दूसरी बार कथित बलि सितंबर में दी गई. इस बार शफी ने सिंह दंपती को भी इस कर्मकांड में शामिल होने को मना लिया.
कुमार ने बताया, “हम पहली पीड़िता के लापता होने के मामले की जांच कर रहे थे जब दूसरी लापता महिला के फोन की अंतिम लोकेशन भी सिंह दंपती के घर के निकट मिली.” कोच्चि के पुलिस आयुक्त ने कहा कि 52 वर्षीय शफी मनोविकृति का शिकार एक साइकोपैथ है जिसने महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार भी किया. दोनों पीड़ित महिलाएं गरीब तबके से आती थीं और घर-घर जाकर लॉटरी टिकट बेचती थीं. हत्या के बाद उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर सिंह के घर में दबा दिए गए थे. पुलिस को संदेह है कि शफी और हत्याओं में शामिल रहा हो सकता है और इसकी जांच की जा रही है.
पुलिस को इस बात का भी संदेह है कि शफी ने पीड़ितों का मांस खाया हो. पुलिस आयुक्त ने बताया, “ऐसा संभव है कि अभियुक्त ने हत्या के बाद शरीर से मांस खाया हो. इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन जांच की जा रही है. हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि ऐसे और मामले तो नहीं हुए हैं और कुछ और लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं.” सिंह के पड़ोसियों ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार से बातचीत में कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनका पड़ोसी इतने जघन्य अपराथ में शामिल हो सकता है. गोपन के. नामक पड़ोसी ने कहा, “बहुत से लोग यहां हड्डियां जुड़वाने, चोट और बीमारी का इलाज कराने आते थे. हमें कभी लगा नहीं कि कुछ गलत हो रहा है. वह व्यवहार का भी अच्छा था.” देश में नरबलि के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि कई ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में आज भी ऐसी परंपराएं कायम हैं और लोग नरबलि आदि में यकीन रखते हैं. लेकिन बड़े शहरों में भी लोगों को ऐसे आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.
इसी महीने दिल्ली पुलिस ने दो व्यक्तियों को छह साल के एक बच्चे की बलि देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. ये दोनों व्यक्ति मजदूरी करते थे और उन्होंने बताया कि धन कमाने के मकसद से अफीम के नशे में उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बच्चे की हत्या कर दी थी. तीन अक्टूबर को गिरफ्तार इन दोनों व्यक्तियों ने दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती से 6 साल के बच्चे को अगवा कर लिया और उसका गला काट दिया. दिल्ली पुलिस के डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया था कि यह घटना सीजीओ कॉम्पलेक्स के पास हुई और बच्चे के शव को झोपड़ी से ही बरामद किया गया था.
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