उत्तराखंड सरकार राज्य में 23 लाख परिवारों का 14 अंकों वाला ‘परिवार पहचान पत्र’ बनाने जा रही है. इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद लोगों को अलग से आय, जाति, निवास, दिव्यांग और विकलांग आदि प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी, जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी परिवार पहचान
उत्तराखंड सरकार राज्य में 23 लाख परिवारों का 14 अंकों वाला ‘परिवार पहचान पत्र’ बनाने जा रही है. इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद लोगों को अलग से आय, जाति, निवास, दिव्यांग और विकलांग आदि प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी, जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी परिवार पहचान पत्र ही अनिवार्य होगा. बताया जाता है कि परिवार पहचान पत्र 14 अंकों का होगा और इसमें परिवार से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां शामिल होंगी. बच्चे के जन्म लेने, बच्चे को गोद लेने, शादी और मृत्यु होने के बाद की जानकारी इस कार्ड में अपडेट होती रहेगी. एक बार कार्ड बन जाने के बाद उससे जुड़ी अन्य सभी जानकारियां खुद ही सामने होंगी और अलग से प्रमाण पत्र नहीं बनवाने होंगे.
हरियाणा सरकार ने अपने यहां लोगों के परिवार पहचान पत्र बनाए हैं. इसी के तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार ने भी परिवार पहचान पत्र बनाने का निर्णय लिया है. इस कार्य के लिए नियोजन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है जबकि एनआईसी को पहचान पत्र बनाने की जिम्मेदारी दी जा रही है. नियोजन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 23 लाख के करीब परिवारों का परिवार पहचान पत्र बनाए जाने हैं. इसके तहत विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. एनआईसी को पत्र भेजकर पूछा गया है कि क्या एनआईसी की ओर से कार्ड बनाने का कार्य किया जा सकता है.
नियोजन विभाग के मुताबिक, परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा के आंकड़ों के साथ ही गोल्डन कार्ड, आयुष्मान कार्ड के आंकड़े भी लिए जाएंगे. इसके साथ ही सभी विभागों को इस योजना को पूरा करने के लिए समन्वय करने के लिए कहा गया है. परिवार पहचान पत्र एक आधिकारिक पहचान पत्र होगा जो सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य किया जाएगा. इसके तहत कई तरह की जानकारी ली जाएगी और ग्राम विकास अधिकारियों की ओर से उस जानकारी का सत्यापन भी किया जाएगा.
परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने एनआईसी को पत्र लिख दिया है. एनआईसी की ओर से जबाव मिलने के बाद कार्ड बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए नियोजन विभाग अलग से प्रकोष्ठ भी गठित करेगा. एजेंसी फाइनल होने के बाद पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा.
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