अग्निवीरों के साथ सेना में पंडित, मौलवी, पादरी धर्मगुरुओं की भर्ती

अग्निवीरों के साथ सेना में पंडित, मौलवी, पादरी धर्मगुरुओं की भर्ती

केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही अग्निवीर योजना की घोषणा की थी. इसे लेकर देश में काफी हंगामा भी हुआ था. अब इसी योजना के अंतर्गत भर्तियां होने जा रही है. वाराणसी में इस भर्ती रैली का आयोजन होने वाला है. इसके साथ ही सेना में धर्मगुरुओं की भी भर्ती की जाने वाली है.

केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही अग्निवीर योजना की घोषणा की थी. इसे लेकर देश में काफी हंगामा भी हुआ था. अब इसी योजना के अंतर्गत भर्तियां होने जा रही है. वाराणसी में इस भर्ती रैली का आयोजन होने वाला है. इसके साथ ही सेना में धर्मगुरुओं की भी भर्ती की जाने वाली है. जिसके लिए कैसे आवेदन करना है, चयन प्रक्रिया क्या इन सभी के जानकारी नीचे दी जा रही है.
अग्निवीरों की भर्ती वाराणसी में आयोजित रैली के माध्यम से की जाएगी. जिसके लिए सेना भर्ती कार्यालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया. अभी तक जिलेवार भर्तियों की संख्या नहीं बताई गई है. 16 नवंबर को भर्ती रैली होगी. जिसके लिए मिर्जापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, गोरखपुर, मऊ, चंदौली, देवरिया के युवा वाराणसी में एकत्रित होंगे. कुल 1 लाख 43 हजार 286 आवेदनकर्ताओं को बुलाया जाएगा. कई राज्यों में भर्ती रैली का आयोजन हो चुका है.
सेना में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं की नियुक्ति की जाती है. वे अपने धर्म के उपदेश देते हैं. साथ ही सैनिकों का मार्गदर्शन करते हैं. मंदिरों में भी नियुक्ति की जाती है. आवेदन करने के लिए इस लिंक www.joinindianarmy.nic.in पर जा सकते हैं. सेना भर्ती कार्यालय अग्निवीरों के चयन के बाद ही धर्मगुरुओं की भर्ती करेगी. इसमें गोरखा रेजिमेंट के लिए धर्म गुरुओं की आवश्यकता है. इसमें सुन्नी, शिया, पंडित, मौलवी, पादरी, साथ ही बौद्ध धर्म के लिए मॉन्क के पद शामिल होंगे. इनके लिए 25 साल से लेकर 36 साल तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं.
धर्म गुरुओं की भर्ती के लिए किसी भी विषय में स्नातक और संबंधित धर्म के ज्ञान की डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए. सैनिकों की भर्ती के जैसे ही धर्म गुरुओं की भी भर्ती होती है. उन्हें भी सभी शारीरिक मापदंड से जुड़े परिक्षण का सामना करना पड़ता है. पंडित के लिए आवेदनकर्ता के पास संस्कृत में आचार्य की डिग्री हासिल की हुई हो. इसके साथ ही उनके पास कर्मकांड में एक साल का डिप्लोमा भी होना चाहिए. सिखों के धर्मगुरुओं के लिए आवेदनकर्ता का पंजाबी में जानी होना आवश्यक है. इसके अलावा अन्य धर्मों के अनुसार उम्मीदवारों के पास ज्ञान होना आवश्यक है.

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