हिमाचल में कांग्रेस ने बागियों को मना लिया, बीजेपी मुसीबत में

हिमाचल में कांग्रेस ने बागियों को मना लिया, बीजेपी मुसीबत में

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आख़िरी तारीख़ भी शनिवार को बीत चुकी है. यहाँ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला माना जा रहा है लेकिन चुनाव से पहले दोनों ही पार्टियां बागी हो चुके ‘अपनों’ से ही घिर गई हैं. अंग्रेज़ी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की ख़बर

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आख़िरी तारीख़ भी शनिवार को बीत चुकी है. यहाँ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला माना जा रहा है लेकिन चुनाव से पहले दोनों ही पार्टियां बागी हो चुके ‘अपनों’ से ही घिर गई हैं. अंग्रेज़ी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की ख़बर के अनुसार, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह ज़िले मंडी में बीजेपी के तीन बाग़ी नेता स्वतंत्र तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी लगातार दावा कर रही थी कि वो बाग़ियों को मना लेगी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद बग़ावत कम करने में जुटे थे.
नचन में जहां ज्ञान चंद का निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन स्वीकार हो गया है, तो वहीं पूर्व मंत्री रूप सिंह के बेटे अभिषेक ठाकुर ने भी सुंदरनगर से अपना नामांकन वापस नहीं लिया. अब वो बीजेपी के ही उम्मीदवार राकेश जामवाल को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. इसी तरह मंडी सदर में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के समर्थक प्रवीण शर्मा भी बीजेपी के अनिल शर्मा के सामने खड़े हैं. मंडी सीट पर कांग्रेस ने चंपा ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है. अख़बार के अनुसार, कांगड़ा क्षेत्र में धर्मशाला के बीजेपी एसटी मोर्चा के अध्यक्ष विपिन नेहरिया भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
विपिन के समर्थन में सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था. विपिन नेहरिया को गद्दी समुदाय का कद्दावर नेता माना जाता है. फ़तेहपुर से राज्यसभा सदस्य रह चुके किरपाल सिंह परमार, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान, कांगड़ा से कुलबश चौधरी और बागी हो चुके देहरा के मौजूदा विधायक होशियार सिंह भी इस चुनाव में निर्दलीय खड़े हैं. कांगड़ा के कई बीजेपी नेता कांग्रेस से आए पवन काजल की उम्मीदवारी से नाराज़ हैं. पूर्व बीजेपी विधायक केएल ठाकुर भी नालागढ़ से बागी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, सात बार विधायक रह चुके गंगूराम मुसाफ़िर पछाड़ से स्वतंत्र उम्मीदवारी ठोक रहे हैं. उन्हें कांग्रेस ने इस बार टिकट नहीं दी. हालांकि, काफ़ी मशक्कत के बाद बीजेपी ने पूर्व सांसद माहेश्वर सिंह को कुल्लू से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर नामांकन वापस लेने के लिए मना लिया.
वहीं, कांग्रेस पार्टी अपने नौ बाग़ियों को मनाने में सफल रही है. इनमें इंदौरा से कमल किशोर, देहरा से विजय कुमार और राकेश कुमार, शाहपुर से करण परमार, नचन से लाल सिंह कौशल, चिंतपुतनी से कुलदीप कुमार, झांदुत्ता से डॉक्टर भीरू राम किशोर, बिलासपुर से तिलक राज, पवंता साहिब से शमशेर अली और चौपाल से सबला राम चौहान शामिल हैं. हालांकि, चौपाल से विधायक सुभाष मंगलेट और सुल्लाह से पूर्व विधायक जगजीवन पाल अभी भी बाग़ी उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस की परेशानी बढ़ा सकते हैं.

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