अमेरिकी व्यवसायी एलन मस्क ने अब ट्वीटर को अपने नियंत्रण में ले लिया है और उन्होंने सोशल मीडिया कंपनी को 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर में ख़रीदने वाली डील पूरी कर ली है. अमेरिकी मीडिया में आ रही ख़बरों के मुताबिक़, ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल समेत दो अन्य वरिष्ठ मैनेजरों को नौकरी से हटा दिया
अमेरिकी व्यवसायी एलन मस्क ने अब ट्वीटर को अपने नियंत्रण में ले लिया है और उन्होंने सोशल मीडिया कंपनी को 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर में ख़रीदने वाली डील पूरी कर ली है. अमेरिकी मीडिया में आ रही ख़बरों के मुताबिक़, ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल समेत दो अन्य वरिष्ठ मैनेजरों को नौकरी से हटा दिया गया है. भारतीय मूल के पराग अग्रवाल आईआईटी बॉम्बे से पढ़े हैं और वे नवंबर 2021 में ट्विटर के सीईओ बने थे. अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स, सीएनएन और वॉशिंगटन पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से ये ख़बर दी है. वॉशिंगटन पोस्ट के टेक रिपोर्टर फ़ैज़ सिद्दिक़ ने ट्वीट किया है कि पराग अग्रवाल, नेड सीगल और विजया गडे को मस्क ने नौकरी से हटा दिया है.
ट्विटर के टेकओवर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एलन मस्क ने अपने ही अंदाज़ में ट्विटर पर इसका एलान किया है. एलन मस्क ने ट्वीट करके लिखा है – ‘आज़ाद हुई चिड़िया.’ कई महीनों से चली कोशिशों के बाद एलन मस्क ने अब ट्विटर को टेकओवर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. इसके साथ ही ख़बरें हैं कि उन्होंने कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल को नौकरी से हटा दिया है. भारतीय मूल के पराग अग्रवाल आईआईटी बॉम्बे से पढ़े हैं और वे नवंबर 2021 में ट्विटर के सीईओ बने थे. लेकिन ट्विटर के सह-संस्थापक बिज़ स्टोनने एक ट्विट में सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफ़ओ नेड सीगल और लीगल हेड विजया गडे का धन्यवाद किया है. गुरुवार को एक ट्वीट कर एलन मस्क ने कहा था कि उन्होंने ट्विटर इसलिए ख़रीदा है क्योंकि वो मानवता की मदद करना चाहते हैं और ऐसा प्लेटफॉर्म मानव सभ्यता के भविष्य के लिए ज़रूरी है जहां विभिन्न मतों को स्वस्थ तरीके से बिना हिंसा के उठाया जा सके.
अधिकृत तौर पर ट्वीटर की ओर फ़िलहाल इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन ट्विटर के सह-संस्थापक बिज़ स्टोन ने एक ट्विट में सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफ़ओ नेड सीगल और लीगल हेड विजया गडे का धन्यवाद किया है. विजया गडे भी भारतीय मूल की हैं और वे ट्वीटर में लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट की प्रमुख थीं. इसके साथ ही कई महीनों से ट्वीटर के भविष्य के बारे में अनिश्चितता ख़त्म हो गई है. फिलहाल, गुरुवार को एक ट्वीट कर एलन मस्क ने कहा था कि उन्होंने ट्विटर इसलिए ख़रीदा है क्योंकि वो मानवता की मदद करना चाहते हैं और ऐसा प्लेटफॉर्म मानव सभ्यता के भविष्य के लिए ज़रूरी है जहां विभिन्न मतों को स्वस्थ तरीके से बिना हिंसा के उठाया जा सके.
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार, शुक्रवार को कंपनी शेयरों की ख़रीद फ़रोख़्त संस्पेड रहेगी. एलन मस्क के पास ट्विटर को ख़रीदने के लिए हुए 44 बिलियन डॉलर के सौदे को पूरा करने के लिए शुक्रवार तक का समय था. मस्क ने अप्रैल महीने में ट्विटर को ख़रीदने का एलान किया था, लेकिन बाद में वो इससे पीछे हट गए थे. दो दिन पहले एलन मस्क हाथ में ‘सिंक’ लेकर ट्विटर के मुख्यालय में दाख़िल हुए थे. उन्होंने अपना वीडियो भी शेयर किया था. इसके साथ ही मस्क ने अपना ट्विटर-बायो भी चेंज कर लिया था. उन्होंने अपने बायो में लिखा था – ‘Chief Twit’ कई विश्लेषकों का कहना है कि एलन मस्क ट्विटर के लिए जो दाम चुका रहे हैं वो बहुत अधिक है क्योंकि कंपनी के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी गई है. साथ ही ट्विटर हाल के महीनों में नए यूज़र्स को अपने साथ नहीं जोड़ पाया है.
एलन मस्क के ट्विटर में शुरूआती निवेश पर किसी ने कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया था. इस साल जनवरी में उन्होंने ट्विटर के शेयर ख़रीदने शुरू किए थे. मार्च आते-आते उनके पास ट्विटर के पांच प्रतिशत शेयर थे. अप्रैल में पता चला कि वे ट्विटर के सबसे बड़े शेयरधारक बन गए हैं. और अप्रैल महीना ख़त्म होते-होते उन्होंने ट्विटर को ख़रीदने के लिए 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर की डील कर ली थी. तब मस्क ने कहा था कि वे स्पैम अकांउट्स को हटाना चाहते हैं और इस प्लेटफॉर्म पर बोलने की आज़ादी (फ़्री स्पीच) का संरक्षण करना चाहते हैं. लेकिन मई के महीने में एलन मस्क ने ट्विटर की ख़रीद पर अपने विचार बदलने शुरू कर दिए थे. उन्होंने चिंता जताई थी कि ट्विटर पर फ़ेक अकाउंट्स, कंपनी के दावे से कहीं अधिक हैं.
जुलाई में मस्क ने एलान किया कि वो अब ट्विटर नहीं ख़रीदना चाहते. लेकिन ट्विटर ने कहा कि अब एलन मस्क कानूनी तौर पर कंपनी को ख़रीदने के लिए बाध्य हैं. ट्विटर ने मस्क के ख़िलाफ़ अदालत में केस भी दर्ज किया. अक्तूबर में एक बार फिर ट्विटर में रूचि दिखाई और कंपनी कानूनी कार्यवाही को रोक दिया. एलन मस्क ख़ुद को फ़्री स्पीच के बड़े पैरोकार बताते रहे हैं. वे ट्विटर की मॉडरेशन पॉलिसी के आलोचक रहे हैं. उनकी इस डील पर ट्विटर के यूज़र्स और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया मिली-जुली ही रहेगी. अमेरिकी के दक्षिणपंथी यूज़र्स लगातार ये दावा करते रहे हैं कि ट्विटर उनकी आवाज़ को दबाता रहा है. ट्विटर हमेशा इससे इनकार करता रहा है. पूर्व अमेरिीक राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अब भी ट्विटर पर बैन हैं. एलन मस्क ट्रंप को बैन करने के फ़ैसले को बेवकूफ़ाना बता चुके हैं. और वो ये भी कह चुके हैं कि ट्विटर के इस फ़ैसले को पलट देंगे.
कई लोगों को डर है कि मॉडरेशन की नीतियों में ढील देने का अर्थ होगा, इस प्लेटफॉर्म पर हेट-स्पीच को बढ़ावा देना. ट्विटर पर विज्ञापन देने वालों के नाम एक ट्वीट कर मस्क ने कहा है कि ये प्लेटफॉर्म ‘सबको खुली छूट देने वाला नरक’ नहीं बनेगा और इसपर सभी का ‘गर्मजोशी से स्वागत” होगा. ऐसी ख़बरें पहले से ही थीं कि ट्विटर के मालिक के रूप में एलन मस्क कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेंगे. हालांकि ब्लूमबर्ग ने ख़बर दी है कि मस्क ने स्टाफ़ के साथ मीटिंग के दौरान ट्विटर में 75% नौकरियां ख़त्म करने की ख़बर का खंडन किया है.
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