हेल्थ सेक्टर में महिलाएं अधिक, पुरुषों की तुलना में वेतन कम

हेल्थ सेक्टर में महिलाएं अधिक, पुरुषों की तुलना में वेतन कम

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँ, अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत कम आय अर्जित करती हैं, जो कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों की तुलना में वेतन में एक बड़ा लैंगिक अन्तर है. अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक वैश्विक

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएँ, अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत कम आय अर्जित करती हैं, जो कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों की तुलना में वेतन में एक बड़ा लैंगिक अन्तर है. अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक वैश्विक विश्लेषण रिपोर्ट में लगभग 20 प्रतिशत अंकों के लैंगिक वेतन अन्तर का आलेखन किया गया है, जिसमें तब 24 प्रतिशत अंक का उछाल आ जाता है, जब उम्र, शिक्षा और कामकाज के समय जैसे कारकों को भी ध्यान में ले लिया जाता है.
हालाँकि इस अन्तर की अधिकांश वजह अस्पष्ट है, एजेंसियों का मानना है कि शायद इसकी वजह महिलाओं के प्रति भेदभाव हो सकता है. उल्लेखनीय है कि महिलाएँ दुनिया भर में स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हैं. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में स्वास्थ्य और देखभाल में वेतन समग्र रूप से कम है, जो इस निष्कर्ष के अनुरूप है कि अक्सर महिला प्रमुख क्षेत्रों में वेतन कम दिया जाता है. इसके अलावा, महामारी और संकट के दौरान स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, 2019 और 2020 के बीच वेतन समानता में केवल मामूली सुधार ही हुआ है.
स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र ने सामान्य तौर पर कम वेतन, विकराल लैंगिक वेतन अन्तराल और बेहद कठिन कामकाजी परिस्थितियों का सामना किया है. महामारी ने इस स्थिति को स्पष्ट रूप से उजागर करते हुए यह दिखा दिया है कि यह क्षेत्र एवं उसके कार्यकर्ता, परिवारों, समाजों व अर्थव्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिये कितने महत्वपूर्ण हैं. रिपोर्ट में विभिन्न देशों में लैंगिक वेतन अन्तर में व्यापक भिन्नता भी पाई गई, जो यह दर्शाता है कि ये अन्तराल अपरिहार्य नहीं हैं और इस अन्तर को पाटने के लिये बहुत कुछ किया जा सकता है.
दुनिया के तमाम देशों के भीतर भी, उन उच्च वेतन श्रेणियों में लैंगिक वेतन अन्तर ज़्यादा होता है, जहाँ पुरुषों का प्रतिनिधित्व अधिक होता है, जबकि महिलाओं को अधिकतर निम्न वेतन श्रेणियों में रखा जाता है. स्वास्थ्य और देखभाल के क्षेत्र में काम करने वाली माताओं को भी अतिरिक्त दण्ड भुगतना पड़ता है. एक महिला के प्रजनन वर्षों के दौरान यह लैंगिक वेतन अन्तराल और बढ़ जाता है और फिर शेष कामकाजी जीवन में भी बराबर बना रहता है. रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं के बीच पारिवारिक कर्तव्यों के समान बँटवारे से, महिलाओं को कामकाज के बेहतर विकल्प मिल सकते हैं.
यह विश्लेषण उन कारकों की भी जाँच करता है जो स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में लैंगिक वेतन अन्तराल को बढ़ा रहे हैं. उम्र, शिक्षा और कामकाज के समय में अन्तर, साथ ही सार्वजनिक या निजी क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं की भागीदारी में अन्तर, समस्या का केवल एक हिस्सा ही दिखाते हैं. श्रम बाज़ार में समान भूमिकाओं वाले पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम मेहनताना दिये जाने का कारण, श्रम बाज़ार के कारकों में काफ़ी हद तक स्पष्ट नहीं है. स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों के लिये बेहतर व निष्पक्ष कामकाजी परिस्थितियों के बिना, हमें बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य एवं देखभाल सेवाएँ नहीं मिल सकती हैं, जिनमें ज़्यादातर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है.
बताया गया है कि रिपोर्ट में अनेक देशों की सफलता की कहानियाँ शामिल की गई हैं, जिनमें वेतन वृद्धि और बोनस का भुगतान करने के लिये राजनैतिक प्रतिबद्धता शामिल है, जो भविष्य का रास्ता इंगित करती हैं. स्वास्थ्य और देखभाल के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है, फिर भी बहुत से देशों में प्रणालीगत पूर्वाग्रहों के परिणामस्वरूप, उन्हें हानिकारक वेतन अन्तर का सामना करना पड़ रहा है. कहा गया है कि इस अभूतपूर्व रिपोर्ट के साक्ष्य और विश्लेषण से सरकारों, नियोक्ताओं एवं श्रमिकों को प्रभावी कार्रवाई का निर्णय लेने के लिये प्रेरित होना चाहिए.

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